15 जनवरी से शुरू होगी बर्थडे पॉलिटिक्स
कांग्रेस के लिए आस, सपा के वनवास!
- Mayawati Birthday
- 15 जनवरी को बसपा सुप्रीमो मायावती करेगी अपनी रणनीति का खुलासा
- कांग्रेस के बड़े नेता जा सकते हैं बधाई देने
- इंडिया गठबंधन बसपा के में शामिल होने से बिगड़ सकता है भाजपा का खेल!
राजेन्द्र के. गौतम
लखनऊ। आगामी 15 जनवरी को बसपा सुप्रीमो मायावती यानी बहनजी का 68वां जन्मदिन ‘बर्थडे पॉलिटिक्स का केन्द्र बिन्दु बनने जा रहा है। बसपाइयों के साथ ही कांग्रेस, सपा और भाजपा को बहनजी के जन्मदिन से होने वाली बर्थडे पॉलिटिक्स का बेसब्री से इंतजार है। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस बसपा से गठबंधन की फिराक में है। जबकि सपा बसपा को इंडिया गठबंधन में फूटी आंख से भी देखना नहीं चाहती है। भाजपा भी बसपा की रणनीति पर नजर जमाएं हुए है। जबकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर इंडिया गठबंधन में शामिल होती है तो बसपा यूपी में भाजपा का खेल बिगाड़ सकती है।
बताते चलें कि कुछ माह में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। यूपी की 80 लोकसभा सीटों को लेकर हर राजनीतिक दल गुणा-भाग करने में जुटे हुए हैं। इस समय यूपी के हर राजनीतिक दल भाजपा, कांग्रेस, सपा की केन्द्र बिन्दु बसपा बनी हुई है। इंडिया गठबंधन में बसपा को शामिल कराने के लिए पर्दे के पीछे कांग्रेस पूरी तरह से भगीरथी प्रयास कर रही है। जबकि सपा नेतृत्व किसी भी सूरत में बसपा को इंडिया गठबंधन में शामिल नही करने के लिए मुहिम छेड़ रखा है। आगामी लोकसभा चुनाव क्षेत्रीय पाार्टियों के लिए अस्तित्व संकट में है। भाजपा ने हिन्दुत्व की पिच पर बैटिंग कर रही है। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठïा के जरिए जनता को अपने पक्ष में करने में काफी हद तक सफल है।
बसपा सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से सपा ने बसपा को इंडिया गठबंधन से दूर रखने के लिए हथकंडें अपनाए उसका माकूल जवाब बसपा सुप्रीमो मायावती अपने जन्मदिन पर देंगी। गठबंधन को लेकर बसपा का कांग्रेस नेतृत्व से बातचीत चल रही है। बसपा को इस बात का अभास है कि आगामी लोकसभा के चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस की ओर रूख करेगा। साथ ही सपा का यादव वोट बैंक का 70 फीसदी भाजपा में ट्रांसफर हो गया है। ऐसे में सपा की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है। इस बात की बहुत संभावना है कि सपा की सौदेबाजी और हेकड़ी के कारण इंडिया गठबंधन से बाहर किए जाने की संभावना है। फिलहाल अभी तक बसपा ने एनडीए और इंडिया गठबंधन से अकेले चलने का स्टैंड ले रख है। लेकिन राजनीति में स्टैंड बदलते रहते हैं।
वरिष्ठï पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रचना सरन ने कहा कि यूपी में बसपा-सपा का इंडिया गठबंधन में शामिल होना मजबूरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के पक्ष में माहौल को राममय बना दिया है। बसपा-सपा के सामने राजनीतिक अस्तित्व का संकट है। 2022 के विधान सभा चुनाव में बसपा को सुपड़ा साफ हो गया वहीं सपा को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के झटकों से उभरने के लिए बसपा-सपा को इंडिया गठबंधन में जाना ही होगा। बीते 12 सालों से बसपा सत्ता से दूर है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर अपनी भावी रणनीति घोषित कर दी है। यूपी में कमजोर होने के बावजूद कांग्रेस हमेशा से बसपा के साथ गठबंधन करने की फिराक में रहती है। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस बसपा से गठबंधन करने की कोशिश में लगी हुई है।
वरिष्ठï पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल का कहना है कि बहनजी का 68वां जन्मदिन ‘बर्थडे पॉलिटिक्स के रूप में मनेगा। भाजपा, कांग्रेस और सपा के नेता बहनजी को जन्मदिन की बधाई देने के बहाने अपने एजेंड़े पर लाने की फिराक में हैं। कांग्रेस की पुरजोर कोशिश है कि बसपा इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाए। जिससे यूपी में भाजपा का खेल बिगाड़ा जा सके।
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