Etwaha Safari : आखिरकार दृष्टिहीन चंदन की शेरों के बीच जाने की तमन्ना हुयी पूरी
Etwaha Safari : इटावा पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनी लायन सफारी ने अपने एक नन्हे मेहमान का इस्तकबाल करते हुये गर्व महसूस किया जो नेत्रहीन होने के बावजूद शेरों की मौजूदगी अपने इर्द गिर्द महसूस करने के लिये अपने फौजी पिता से जिद कर यहां आ पहुंचा था।
कक्षा दो के छात्र दस वर्षीय चंदन के हौसले और स्वाभिमान की कद्र उसे जानने वाले वर्षो से करते रहे हैं मगर सफारी प्रशासन और वहां आये पर्यटकों ने भी नेत्रहीन मासूम के जज्बे की सराहना की जिसे उसका सैनिक पिता पुत्र की इच्छा को पूरा करने के लिए वर्ल्ड फेम लायन सफारी लेकर जा पहुंचे । इटावा के शांति कालोनी निवासी सनोद कुमार यादव फौज में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं । इस बार जब छुट्टी लेकर घर आए तो 10 साल के बड़े बेटे चंदन ने अपने पिता से एक ऐसी इच्छा जाहिर की जिसे पूरी करना पहली बार में असंभव लगा। सनोद ने बताया कि चंदन पिछले कई दिनों से अपनी मां से लायन सफारी ले जाने की जिद कर रहा था। वह उसे लेकर यहां आये। शेर की दहाड़ सुन कर चंदन के चेहरे पर रोमांच साफ दिख रहा था।
चंदन ने बताया कि वह कक्षा दो का छात्र है उसने काफी समय से सफारी पार्क में शेर, टाइगर, लैपर्ड, डियर, बीयर होने की बात सुन रखी थी। जिसके बाद से वह लगातार अपनी मां से शेरों को दिखाने की बात कहता था। आज उसकी यह दिली तमन्ना पूरी हुयी है।
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माता पिता के अनुसार चंदन जन्म से नेत्रहीन है लेकिन बावजूद इसके बहुत ही एक्टिव है । चंदन आम बच्चो की ही तरह मोबाइल चलाता है साथ ही किसी भी अन्य एक्टिविटी को करने के लिए सिर्फ एक बार बताना होता है, आवाज़ सुनकर हर एक चीज़ की पहचान कर लेता है चंदन इसी के चलते आंखों से सफारी के शेर न देख पाने के बावजूद उनकी आवाज़ सुनकर ही उन्हें महसूस करने के चलते ही लायन सफारी आया है। चन्दन को असली शेर देखने थे इसलिए उसको लेकर आये है। वह इस बात से काफी खुश है और जब से यहां आया है तब शेर देखने की उसमें उत्सुकता बनी हुई है।
लायन सफारी के क्षेत्रीय वन अधिकारी विनीत कुमार सक्सेना बताते है कि जो लोग सुनने बोलने और देखने की क्षमता से वंचित होते है उनके लोगो स्वाभाविक तौर पर अजीबो गरीब परिवर्तन हो जाता है जो सामान्य लोगो को कही ना कही चुनौती देता है । ऐसे बच्चो की सुनने सूंघने की शक्ति मे इजाफा हो जाता है । महसूस करने की क्षमता भी बढ जाती है। उन्होने बताया कि उनके सामने ही यह दिव्यांग बच्चा सफारी मे आया है । जो लोग देखने की शक्ति खो चुके होते है ऐसे लोगो मे स्वाभाविक तौर पर महसूस करने की स्मरण शक्ति का इजाफा हो जाता है ।
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