कुशीनगर : तीन साल से अंधेरे में डूबे गांवों का सौर ऊर्जा से मिटेगा अंधियारा
Solar Energy : कुशीनगर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में तीन साल से अंधेरे में रह रहे खड्डा रेताक्षेत्र के लोगों के लिए अच्छी खबर है। स्थानीय विधायक की पहल पर रेताक्षेत्र में सौर ऊर्जा सयंत्र लगाने की शासन से स्वीकृति मिल गयी है। इस सयंत्र के लगने से अब रेताक्षेत्र में उजियारा फैलेगा।
आधिकारिक सूत्रों से गुरुवार को मिली जानकारी के अनुसार इस परियोजना के लिए शासन से 6 करोड़ 63 लाख रुपये की राशि भी जारी हो गयी है। सौर ऊर्जा सयंत्र लगने से खड्डा रेताक्षेत्र के मरिचहवा, बंसतपुर, शिवपुर, नारायनपुर, बालगोविंद छपरा, विंध्याचलपुर और हरिहरपुर समेत अन्य गांवों के करीब 25 हजार निवासियों के जीवन में अंधियारा मिट सकेगा।
ज्ञात हो कि करीब तीन साल पहले 2019 में खड्डा रेताक्षेत्र के गांवों में भीषण बाढ़ आई थी। इस बाढ़ में बजली के आधा दर्जन खंभे नदी में समाहित हो गये थे। ग्रामीणों के अथक प्रयास से लगभग 32 बिजली के खंभों को नदी में डूबने से बचा लिया। इसके बावजूद रेताक्षेत्र की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी।
ग्रामीणों ने बिजली विभाग से विद्युत आपूर्ति शुरू कराने की मांग की, लेकिन विभाग ने हर वर्ष बाढ़ से करोड़ों रुपये की क्षति होने का हवाला देते हुए बिजली के विकल्प के रूप में वहां सोलर लाइट लगाने का प्रस्ताव शासन को भेजा, लेकिन इस पर बात नहीं बन सकी।
बिजली आपूर्ति बंद होने के कारण रेतावासी अंधेरे में रहने को मजबूर हो गए। लोगों ने तत्कालीन विधायक जटाशंकर त्रिपाठी से आपूर्ति बहाल कराने की मांग की। जिस पर तत्कालीन विधायक ने विद्युत विभाग के एससीए एक्सईएन, अभियंता, एसडीएम, सीओ व वाल्मीकि टाईगर रिर्जव की सहायक वन संरक्षण अमिताराज के साथ 17 जुलाई 2021 को मदनपुर वनक्षेत्र के विश्रामालय में बैठक की। इस बैठक में बिहार के जंगल के रास्ते रेताक्षेत्र में बिजली पहुंचाने की अनुमति मांगी गई, लेकिन वन विभाग ने जंगल का हवाला देते हुए विद्युत पोल लगाने की अनुमति नहीं दी।
इसके बाद त्रिपाठी ने रेतावासियों की इस समस्या को शासन स्तर पर अवगत कराते हुए बड़ी गंडक नदी के उस पार बसे इन गांवों में टावर पोल के जरिये बिजली आपूर्ति शुरू कराने की मांग की, लेकिन शासन से इसकी भी स्वीकृति नहीं मिली।
तीन साल से अंधेरे में रह रहे रेतावासियों की इस परेशानियों को देखते हुए वर्तमान विधायक विवेकानंद पांडेय ने विधानसभा में इस मामले को उठाया और रेताक्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में बिजली आपूर्ति शुरू कराने की मांग की। सूत्रों ने बताया कि विधायक की पहल पर शासन ने टावर पोल की बजाय रेताक्षेत्र में सौर ऊर्जा सयंत्र लगाने को स्वीकृति दे दी है। साथ ही 6 करोड़ 63 लाख 35 हजार की राशि भी जारी कर दी। कार्यदायी संस्था नेडा द्वारा जल्द ही सोलर प्लांट का कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
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