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UP Bureaucracy: आईएएस अफसरों की ढिटाई या फिर गैर जिम्मेदारी?

UP Bureaucracy: लखनऊ। यूपी में नौकरशाही किस तरह हॉवी है यह आप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संबंधित मात्र दो विभागों की कार्य प्रणाली से अंदाजा लगा सकते हैं। हर मामले में खुद को सुपर माने जाने वाले कुछ ताकतवर आईएएस जानबूझ कर गैरजिम्मेदार बन रहे हैं।

सबसे पहले बात करते हैं नियोजन विभाग की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस विभाग के अध्यक्ष हैं। और विभाग के वरिष्ठ आईएएस प्रमुख सचिव आलोक कुमार हैं। वैसे तो ये आईएएस महोदय काफी हरफनमौला और मैनेजमेंट के गुणों से भरपूर हैं।

इनके कंधों पर यूपी को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने की जिम्मेदारी है। लेकिन इनकी लापरवाही कहें या फिर इन महोदय की ढिटाई। अगर इसका उदाहरण देखना है तो नियोजन विभाग (https://planning.up.nic.in/) की सरकार वेबसाइट पर जाकर देखें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में न तो कोई भी जानकारी और न ही उनकी फोटो और न ही पदनाम का उल्लेख हैं। जबकि मुख्यमंत्री नियोजन विभाग के पदेन अध्यक्ष होते हैं। सिर्फ और सिर्फ वरिष्ठ आईएएस और प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार का उल्लेख और फोटो है।

दूसरा विभाग है इवेस्ट यूपी। अवस्थापना और औद्योगिक विभाग में अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार और इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरन आनंद जैसे दिग्गज आईएएस अफसर तैनात हैं। लेकिन बीते 19 सितम्बर 2025 को अवस्थापना एवं औद्योगिकी विकास आयुक्त दीपक कुमार हो गए हैं। लेकिन अगर आप इवेस्ट यूपी की वेबसाइट खंगालेंगे तो (https://invest.up.gov.in/our-leadership/) आईआईडीसी के पद पर अभी भी मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल का नाम चल रहा है।

जबकि वे अस्वास्थता के कारण आईआईडीसी का पद छोड़े थे। औद्योगिक विकास विभाग में आईएएस अफसरों की भारी-भरकम फौज के बाद भी आईआईडीसी की जानकारी अपडेट करने का समय नहीं है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि विभागों में तैनात आईएएस कितने सजग हैं। नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार और अवस्थापना एवं औद्योगिक विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार व सीईओ विजय किरन आनंद से सम्पर्क किए जाने पर प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।

 

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