congress logo : प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल राजनीति का नतीजा-भाजपा
congress logo : जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां सहित अन्य भाजपा नेताओं ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि जोधपुर घटना उसकी तुष्टीकरण की राजनीति का नतीजा है। डा पूनियां ने बयान जारी कर कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था बड़ी चुनौती बनी हुई है, शांतिप्रिय प्रदेश राजस्थान जिसकी मिसाल दी जाती थी। आज कांग्रेस पार्टी की अशोक गहलोत सरकार की सरपरस्ती में उनके नेतृत्व में जिस तरीके से तुष्टीकरण की राजनीति के बाद प्रदेश में अशांति और कानून व्यवस्था भंग हुई है, वो प्रदेश के लिए चुनौतीपूर्ण भी और चिंताजनक भी है। उन्होंने कहा कि जोधपुर में जिस तरह तोड़फोड एवं हिंसा की गई और अराजकता फैलाने की कोशिश हुई, यह बानगी है कानून व्यवस्था की, करौली से यह साबित हो जाता है कि ऐसी हिंसक घटनाएं कांग्रेस सरकार के संरक्षण में हो रही हैंl
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के इस तुष्टीकरण के कारण अराजक तत्वों ने एक तरीके से प्रदेश को गिरफ्त में ले लिया है, यह चिंताजनक बात है। एक के बाद एक घटनाएं बहुसंख्यकों के मानव अधिकारों पर चोट हैं, लगता है कि तुष्टीकरण कांग्रेस के डूबने का बडा कारण बनेंगे। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी बाल मुकंद बिस्सा की प्रतिमा पर लगे भगवा झंडे को उतारने की घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश में फैला यह मजहबी उन्माद कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण संस्कृति का ही परिणाम है। श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार चेते और तुष्टिकरण की नीति से बाज आए। उन्होंने कहा कि बारां, करौली और राजगढ़ के बाद अब मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में भी साम्प्रदायिक तनाव की घटना सामने आई है।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा व गृह ज़िले में भी अगर क़ानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बनाए रखा जा सकता है तो राजस्थान तो भगवान के भरोसे ही रहेगा। इस हिंसा के लिए कौन ज़िम्मेदार है और मुख्यमंत्री की क्या ज़िम्मेदारी है, मुख्यमंत्री को बताना चाहिए। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार वोट बैंक की राजनीति के कारण शांतिप्रिय प्रदेश को सांप्रदायिक तनाव की आग में झोंक रही है।
जोधपुर में अराजक तत्वों द्वारा जालोरी गेट पर स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा से झण्डा उतारकर विशेष तरह का झंडा फहराने के बाद हुई घटना से कानून व्यवस्था बिगड़ी है। श्री राठौड़ ने कहा कि जयपुर, टोंक, बारां, करौली व अब जोधपुर में हुई सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं गहलोत सरकार द्वारा पीएफआई जैसे प्रतिबंधित संगठन को सीधा संरक्षण देने का नतीजा है। वहीं सूरसागर विधायक के घर के बाहर आगजनी होना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार दंगाइयों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें। आमजन शांति बनाए रखें।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जोधपुर में हुए मजहबी उपद्रव मेरे जोधपुर की तासीर नहीं है। यहां ये कृत्य स्वीकार्य नहीं। उन्होंने कहा ” मै सभी अपने जोधपुरवासी भाइयों -बहनों से कहना चाहता हूं कि हमें उकसावे में नहीं आना है।” उन्होंने कहा कि धार्मिक सौहार्द और शांति व्यवस्था बनाए रखना पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है। हमें शांत रहना है। हमारी पहली जिम्मेदारी जोधपुर में शांति बनाए रखना है। केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार को हिंदू त्योहारों पर धारा 144 और प्रतिबंध लगाने याद आ जाते है।
वही संप्रदाय विशेष को खुश करने और वोट बैंक और तुष्टीकरण की नीति को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने गृह नगर जोधपुर में जालोरी गेट से शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा की आग को नियंत्रित करने के बजाए केवल राष्ट्रवादी एवं सांस्कृतिक संगठन आरएसएस पर अनर्गल बयानबाजी करने में व्यस्त हैं। सांप्रदायिक दंगाईयों ने पूर्व नियोजित योजना के तहत आमजन को अपनी हिंसक गतिविधियों के माध्यम से परेशान किया है। अपने घरों में बैठे निर्दोष लोगों के घरों में तेजाब की बोतल फेंकी, बहन बेटियों से अभद्र व्यवहार किया तथा खुलेआम हथियार लहरा कर अराजकता का माहौल खड़ा किया है। यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार की कमजोर कानून व्यवस्था का निकृष्ट उदाहरण है।
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