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NITI Aayog : नीति आयोग ने जारी की इंडियाज बूमिंग गिग एंड प्लेटफॉर्म इकोनॉमी पर रिपोर्ट

NITI Aayog : नयी दिल्ली। 28 जून नीति आयोग ने सोमवार को ‘इंडियाज बूमिंग गिग एंड प्लेटफॉर्म इकोनॉमी’ शीर्षक नामक रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट अपनी तरह का ऐसा पहला अध्ययन है जो भारत में गिग-प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था के बारे में व्यापक दृष्टिकोण और सिफारिशें प्रस्तुत करता है।

NITI Aayog ने बताया कि यह रिपोर्ट उपाध्‍यक्ष सुमन बेरी, मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और विशेष सचिव डॉ. के. राजेश्वर राव ने जारी की। रिपोर्ट, गिग-प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था के मौजूदा आकार और रोजगार की सृजन क्षमता का अनुमान लगाने के लिए एक वैज्ञानिक पद्धति से संबंधित दृष्टिकोण उपलब्‍ध कराती है। यह इस उभरते हुए क्षेत्र में अवसरों और चुनौतियों के बारे में भी प्रकाश डालती है और सामाजिक सुरक्षा पहल के बारे में श्रेष्‍ठ वैश्विक प्रथाओं को भी प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट इस क्षेत्र में श्रमिकों की विभिन्न श्रेणियों के लिए कौशल विकास और रोजगार सृजन की रणनीतियों की रूपरेखा भी दर्शाती है।

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नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि यह रिपोर्ट क्षेत्र की क्षमता को समझने और गिग तथा प्लेटफॉर्म के काम के बारे में अनुसंधान और विश्लेषण को आगे बढ़ाने के लिए एक मूल्यवान ज्ञान संसाधन बन जाएगी। मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि इस रिपोर्ट की सिफारिशें मंत्रालयों, राज्य सरकारों, प्रशिक्षण प्रदाताओं, प्लेटफॉर्म कंपनियों और अन्य हितधारकों के लिए एक महत्‍वपूर्ण संसाधन के रूप में काम करेगी, ताकि ये इस क्षेत्र में विकास और रोजगार क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर सकें।

विशेष सचिव डॉ. के. राजेश्वर राव ने कहा कि इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2020-21 में गिग अर्थव्‍यस्‍था में 77 लाख कर्मचारी कार्यरत थे। इनका गैर-कृषि कार्यबल में 2.6 प्रतिशत या भारत के कुल कार्यबल में 1.5 प्रतिशत योगदान है। गिग कार्यबल की संख्‍या बढ़कर वर्ष 2029-30 तक 2.35 करोड़ हो जाने की उम्मीद है। वर्ष 2029-30 तक भारत में गिग कर्मचारियों का गैर-कृषि कार्यबल में 6.7 प्रतिशत या भारत में कुल आजीविका में 4.1 प्रतिशत योगदान होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 47 प्रतिशत गिग कार्य मध्यम कौशल रोजगार में है और लगभग 22 प्रतिशत उच्च कौशल में त‍था लगभग 31 प्रतिशत कम कौशल रोजगार में है। इस रूख से यह पता चलता है कि मध्यम कौशल में श्रमिकों की एकाग्रता धीरे-धीरे कम हो रही है और कम कौशल और उच्च कौशल में बढ़ रही है।


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